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स्वर्गतः परम पुज्यनीय डाँ केशव बलिराम हेडगेवार

Tuesday, May 30, 2006

उद्यम चाहिये

अन्य लोग इस कार्यको चाहे जितना कठिन बतलावें, परन्तु तुम स्वतः इन कठिनाइयों का रोना कभी ना रोवो। हमें तो वह कार्य कर दिखाना है, जिसका परिणाम देखकर संसार को दाँतो तले ऊंगली दबाकर ही रहाना पडेगा। क्या तुम्हे पता नहीं, कि संघ का प्रारंभ, कितने थोडे लोगों से हुआ?

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