उद्यम चाहिये
अन्य लोग इस कार्यको चाहे जितना कठिन बतलावें, परन्तु तुम स्वतः इन कठिनाइयों का रोना कभी ना रोवो। हमें तो वह कार्य कर दिखाना है, जिसका परिणाम देखकर संसार को दाँतो तले ऊंगली दबाकर ही रहाना पडेगा। क्या तुम्हे पता नहीं, कि संघ का प्रारंभ, कितने थोडे लोगों से हुआ?
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